FACTS ABOUT MAHAVIDYA BAGLAMUKHI REVEALED

Facts About mahavidya baglamukhi Revealed

Facts About mahavidya baglamukhi Revealed

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ज्वल ज्ज्योत्स्ना रत्नाकर मणि विषक्तांघ्रि भवनं स्मरामस्तेधाम स्मरहर हरींद्रेंदु प्रमुखैः । अहोरात्रं प्रातः प्रणय नवनीयं सुविशदं परं पीताकारं परचित मणिद्वीप वसनम् ।।

पीतांबरां पीतमाल्यां पीताभरण भूषिताम् । पीतकंज पद द्वंद्वां बगळां चिंतयेऽनिशम् ।।

She pulls the tongue of a demon by her remaining hand, although boosting the correct hand to strike him having a club.[4] A different description states that she has four arms and a third eye. A yellow crescent moon adorns her forehead.[four]

An additional etymology implies that valga indicates "to paralyze" and symbolizes the strength of stambhana, "paralysis" the goddess is said to grant; this principle appears questionable to Kinsley.[seven]

देवी पीताम्बरा का नाम तीनों लोक में प्रसिद्ध है, पीताम्बरा शब्द भी दो शब्दों से बना है, पहला ‘पीत‘ तथा दूसरा ‘अम्बरा‘, जिसका अभिप्राय हैं पीले रंग का अम्बर धारण करने वाली। देवी को पीला रंग अत्यंत प्रिय है। देवी पीले रंग के वस्त्र इत्यादि धारण करती है, पीले फूलों की माला धारण करती है। पीले रंग से देवी का घनिष्ठ सम्बन्ध हैं। पञ्च तत्वों द्वारा संपूर्ण ब्रह्माण्ड का निर्माण हुआ हैं, जिनमें से पृथ्वी तत्व का सम्बन्ध पीले रंग से हैं। बगलामुखी या पीताम्बरा देवी साक्षात ब्रह्म-अस्त्र विद्या हैं, जिसका तोड़ तीनों लोक में किसी के द्वारा संभव नहीं हैं। सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड की शक्ति का समावेश देवी बगलामुखी में हैं।

साधना काल में पीली गौ का घी प्रयोग में लें तथा दीपक में रुई का प्रयोग करें। उस रुई को पहले पीले रंग में रंग कर सुखा लें और इसके बाद ही उस रुई की बत्ती बनाएं। साधना में छत्तीस अक्षर वाला मन्त्र प्रयोग करना ही उचित है और यही मन्त्र शीघ्र सफलता देने में सहायक है।

As per your calls for, we will explore the Baglamukhi Jayanti 2024 time, vidhi, and Positive aspects. What method do you have to stick to when accomplishing puja for Goddess Baglamukhi, and what is The main reason guiding her name Baglamukhi? If you need to know the description of Baglamukhi Jayanti in detail, go on to look at this web site.

लसच्चारु शिंजत् सुमंजीर पादां चलत् स्वर्ण कर्णावतं साचितास्यां । वलत्पीत चन्द्राननां चन्द्र वन्द्यां भजे पद्मजाद्यैः लसत् पाद पद्माम् ।।

The Tantrasara describes her iconography: Bagalamukhi sits here in a very golden throne while in the midst of the ocean within an altar. Her complexion is yellow (golden). Clad in yellow apparel, she's adorned by a garland of yellow bouquets and decked with yellow (golden) ornaments.

On Tantric Shastra, Baglamukhi Mata is described as a goddess that has a golden pores and skin tone wearing a yellow sari over the throne in the midst of a completely blossom yellow lotus ocean.

‘Ga’, the second letter, implies ‘She Who grants a myriad of divine powers or siddhis and successes to human beings’. ‘La’, the 3rd letter, implies ‘She Who's the muse of a myriad of sustaining powers on earth just like the earth and it is Consciousness Herself’.[3]

It provides Baglamukhi Puja that may be performed in rigid accordance with all Vedic Rituals by a really discovered & expert priest within the name of the individual/s who reserve the puja.

ॐ ह्लीं ॐ ह्लीं ॐ ह्लीं श्री बगलामुखी महादेव्यै ॐ ह्र्लीं ॐ ह्र्लीं ॐ ह्र्लीं स्वाहा ॐ ह्लीं श्रीबगलामुखी मम सर्व दुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय जिह्वां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा ॐ ह्लीं पीतांबरायै ह्लीं ह्लीं ब्रह्मास्त्रस्वरूपिण्यै क्लीं ह्लीं शत्रुविनशिन्यै ऐं ह्लीं वेदेश्वर्यै ठं ह्लीं स्तंभनशक्ति देवतायै ह्र्लीं ह्लीं आदिलक्ष्म्यै ह्लीं ह्लीं श्री बगलामुखी महादेव्यै ह्र्लीं ह्र्लीं फट् स्वाहा

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